({ मल्हारगढ़ विधानसभा मे अधिकारी कर्मचारी परेशान }]
*मल्हारगढ़ विधानसभा में अधिकारी कर्मचारी परेशान*
*विधायक देवड़ा से नही इनके गुर्गो से*
मन्दसौर ✍ (समरथ धनगर) सन 2008 में परिसीमन में मल्हारगढ़ विधानसभा का उदय हुवा उससे पहले आधी से ज्यादा विधानसभा सीतामऊ में शामिल थी उस वक्त तत्कालीन विधायक नानालाल पाटीदार हुवा करते थे सीतामऊ विधानसभा में एक भी कर्मचारी परेशान नही थे क्योंकि उनका एक ही रवैया रहता था किसी को भी परेशानी होने पर विधायक नानालाल पाटीदार खुद कर्मचारी या अधिकारी व् कार्यकर्ताओ से बात करके किस की क्या गलती होती थी वो सब जानकार ही किसी कर्मचारी के खिलाफ कार्यवाही करते थे।
परन्तु सन 2008 के बाद मल्हारगढ़ विधानसभा का उदय हुवा और विधानसभा आरक्षण में होने की वजह से सन 2008 में सुवासरा विधायक जगदीश देवड़ा इस विधानसभा से चुनाव लड़े और जितने में भी कामयाब हो गए थे सन 2008 से 2013 तक विधायक जगदीश देवड़ा मध्यप्रदेश सरकार में जेल एवं परिवन मंत्री गृहमंत्री काबीना मंत्री रहे थे
जब से जगदीश देवड़ा चुनाव जीत कर मंत्री बने है उसके बाद मल्हारगढ़ विधानसभा में नया खेल चालू हो गया था मल्हारगढ़ विधानसभा का पूरा का पूरा काम भाजपा जिला महामंत्री अनिल कियावत के हाथों में आ गया था उस समय कुछ युवा कार्यकर्ता इतने दलाली सक्रिय हो गया थे की अफजलपुर थाना पुलिस ने एक राणाखेड़ा व् साखतली के बीच डोडा चुरा की गाड़ी पकड़ी थी उस समय भाजपा का एक कमलेश नामक दलाल ने 10 से 12 लाख में तोड़ करवा दिया था उस समय तत्कालीन थाना प्रभारी का ट्रांसफर हो गया था नये थाना प्रभारी प्रदीप विश्वकर्मा ने उक्त डोडा चुरा मामले की फाइल अधूरी होने से प्रदीप विश्वकर्मा ने उक्त मामले की शिनाख्त फिर से चालू कर दी फिर उसी कमलेश नामक दलाल नाम आने पर थाना प्रभारी ने उक्त कमलेश को बुलाया और कहा कि तेरे को में उक्त मामले में निकाल दूँगा और तू तत्कालीन थाना प्रभारी के खिलाफ बयान दे दे की 12 लाख लेकर मामले का तोड़ हो गया नही तो एनकाउंटर कर दूँगा तेरा फिर क्या उक्त दलाल मंत्री जगदीश देवड़ा के पास पहुच गया व् थाना प्रभारी प्रदीप विश्वकर्मा को फोन पर ही चटका दिया तो प्रदीप विश्वकर्मा ने रिकार्डिग कर के मध्यप्रदेश शासन के मंत्री जगदीस देवड़ा के खिलाफ रोजनामचे ने रिपोर्ट डाल दी फिर गुप्त तरीके से रोजनामचे रिपोर्ट की जानकारी पात्रकारो को लग गई व् उक्त मामला मध्यप्रदेश मिडिया में सुर्खियों में आ गया था
उसके बाद फिर से दलालो का एक नया चालू हो गया किसी भी कर्मचारी को गलत काम मो कैसे दबाया जाये ।
कर्मचारी और अधिकारी ऐसे परेशान हो गया के विधानसभा छोड़ने को मजबूर हो गए है एक कर्मचारी का तो 5 से 6 ट्रासफर करवा दिए हैं अब देखना है कि 2018 विधानसभा कैसे मैनेज करते हैं
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