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अपना जी. एस.एम न्यूज़ रिपोटर Gopal Dhangar

(*10 दिनों से जिंदगी ओर के मोत के बिच लड़ते लड़ते आरती ने तोड़ा दम |*)

10 दिनों से जिंदगी और मौत के बिच लड़ते लड़ते आरती ने तोडा दम।
खैरी विस्फोट में हुयी थी घायल। ब्लास्ट काण्ड में अब तक 27 की मौत।
बालाघाट. जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रही आरती आखिरकार जीवन से हार गई। शनिवार को आरती की उपचार के दौरान भिलाई के अस्पताल में मौत हो गई। ग्राम पंचायत खैरी के पटाखा फैक्ट्री विस्फोट कांड में खैरी निवासी आरती पिता राधेलाल (17) गंभीर रुप से घायल हो गई थी। जिसका उपचार भिलाई में चल रहा था। इस कांड में अभी तक 26 लोगों की मौत हो चुकी।
7 जून को हुई थी घटना
जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत खैरी में संचालित पटाखा फैक्ट्री में 7 जून की शाम करीब पौने चार बजे विस्फोट हो गया था। जिसमें 22 लोग जिंदा जल गए थे। 8 लोग गंभीर रुप से घायल हो गए थे। घायलों में से दो की नागपुर ले जाते समय और एक की भिलाई के अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई। इस तरह से इस घटना में 25 लोगों की मौत हुई थी।
शनिवार की सुबह ली अंतिम संास
इधर, गंभीर रुप से घायल तीन लोगों का भिलाई के अस्पताल में ही उपचार चल रहा था। जिसमें आरती भी शामिल है। शनिवार को ङ्क्षजदगी और मौत के बीच संघर्ष करते हुए आरती ने सुबह अंतिम सांस ली। आरती की मौत के बाद उसका पीएम किया गया।
गमगीन माहौल में अंतिम संस्कार
शाम करीब 5 बजे शव को लेकर परिजन गांव पहुंचे। जहां गमगीन माहौल में उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया। इधर, युवती के मौत होने की सूचना मिलने पर कलेक्टर भरत यादव, एसपी अमित सांघी, एडीएम शिवगोविंद मरकाम सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारी भी मौके पर पहुंचे। शनिवार को ही ग्राम खैरी के मोक्षधाम में गमगीन माहौल में अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान बड़ी संख्या में ग्रामीण और प्रशासनिक अधिकारी मौजूद थे।
सहायता राशि का प्रदान किया चेक
युवती का अंतिम संस्कार करने से पूर्व ही कलेक्टर भरत यादव ने पीडि़त परिवार को रेडक्रॉस सोसायटी की ओर से 20 हजार रुपए की सहायता राशि का चेक भी प्रदान किया।
विस्फोटक सामग्री क्रय करने की जांच कर रही एसआईटी
इधर, इस प्रकरण में पटाखा फैक्ट्री के संचालक द्वारा रायपुर से खरीदे गए विस्फोटक सामग्री की जांच कर रही है। पुलिस ने फैक्ट्री संचालक को पुन: पांच दिन की रिमांड पर लिया है। जिसे पुलिस ने जांच के लिए रायपुर लेकर गई है। जहां फैक्ट्री संचालक, बारुद खरीदने वाली एवन कंपनी और एक अन्य व्यापारी के बैंक ट्रांजे

(*10 दिनों से जिंदगी ओर के मोत के बिच लड़ते लड़ते आरती ने तोड़ा दम |*) (*10 दिनों से जिंदगी ओर के मोत के बिच लड़ते लड़ते आरती ने तोड़ा दम |*) Reviewed by Gsm Dhangar on June 17, 2017 Rating: 5

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