*एसिड अटेक केस में शहाबुद्दीन को झटका ,उम्रकैद की सजा बरकरार*
एसिड अटैक केस में शहाबुद्दीन को झटका, उम्रकैद की सजा बरकरार
पटना: एसिड अटैक केस में पटना हाईकोर्ट ने बुधवार को राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन को झटका दिया है। कोर्ट ने शहाबुद्दीन की उम्रकैद की सजा बरकरार रखी है। दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद शहाबुद्दीन के साथ इस केस में 3 और लोग दोषी हैं। शहाबुद्दीन ने सीवान की स्पेशल कोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए पटना हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।
हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए 30 जून 2017 को ही सजा पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। सीवान की स्पेशल कोर्ट ने 11 दिसंबर 2015 को शहाबुद्दीन के साथ राजकुमार साह, मुन्ना मियां एवं शेख असलम को भी उम्रकैद की सजा सुनाई थी। करीब 13 साल पहले सिवान के कारोबारी चंद्रकेश्वर प्रसाद उर्फ चंदाबाबू के दो बेटों की हत्या एसिड से नहलाकर कर दी गई थी। इस मामले में स्पेशल कोर्ट ने शहाबुद्दीन को दोषी ठहराया था। कोर्ट ने शहाबुद्दीन को दोषी पाया और उम्रकैद की सजा सुनाई थी।
क्या था मामला?
-16 अगस्त 2004 को व्यवसायी चंदा बाबू भूमि विवाद के निपटारे को लेकर पंचायत गए थे। -तभी बाहर से आए कुछ लोगों ने उनके साथ मारपीट की। -चंदा बाबू के बेटे और परिजन घर की ओर भागे। -उन्होंने घर में रखे एसिड को आत्मरक्षा में हमला करने वालों पर फेंक दिया। -आरोप है कि उसी दिन शहर की दो अलग-अलग दुकानों से चंद्रकेश्वर प्रसाद उर्फ चंदा बाबू के दो बेटों गिरीश राज उर्फ निक्कू और सतीश राज उर्फ सोनू का किडनैप कर लिया गया और एसिड डालकर उनकी हत्या कर दी गई। -शहाबुद्दीन और उनके लोगों पर गिरीश और सतीश की हत्या करने का आरोप
Reviewed by Gsm Dhangar
on
August 31, 2017
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