【सु~विचार】
*"भाग्य बारिश का पानी है*
*और..*
*परिश्रम कुंए का जल*....
*बारिश में नहाना आसान तो है*,
*लेकिन....*
*रोज नहाने के लिए हम बारिश*
*के सहारे नहीं रह सकते...!!*
*इसी प्रकार भाग्य से कभी-कभी*
*चीजे आसानी से मिल जाती है,*
*किन्तु हमेशा भाग्य के भरोसे नहीं जी*
*सकते...!!*
*कर्म ही असली भाग्य है*
•●‼ *आपका दिन शुभ हो* ‼●•
*सुप्रभात*
【सु~विचार】
Reviewed by Gsm Dhangar
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June 20, 2017
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